एक बार की बात है किसी व्यक्ति ने भगवान बुद्ध से एक सरल प्रश्न किया उसने पूछा की है प्रभु पसंद करना और प्यार करना में क्या फर्क है , तो भगवान बुद्ध ने बडे़ ही सरल स्वभाव में उसका एक उत्तर दिया जो कि बहुत ही लाजवाब है एक उदाहरण देकर उन्होंने कहा कि-
भगवान बुद्ध ने एक फूल का उदाहरण देकर उस व्यक्ति से कहा यदि तुम इसे प्यार करते हो तो तुम इसे तोड़कर अपने पास रख लोगे लेकिन तुम इसे पसंद करते हो तो इसे तोड़कर अपने पास नहीं रखोगे बल्कि इसमें पानी देकर इसे और अच्छा बड़ा करने की कोशिश करोगे यही फर्क होता है पसंद करने और प्यार करने में।
ये छोटी सी कहानी हमे यह सिखाती है सभी को पसंद करो।