किसी ने कमाल की बात कही है कि प्यार में ही ताकत है दुनिया को झुकाने की वरना क्या जरूरत है श्री राम जी को शबरी के झूठे बेर खाने की ।
एक छोटी सी कहानी रामायण की वक्त की है जब प्रभु श्री राम ने अपना लंका विजय अभियान शुरू किया था लंका पर विजय पाने के लिए अभियान छेड़ चुके थे उनके छोटे भाई लक्ष्मण के साथ थे और पूरी उम्मीद थी विजय प्राप्त करने की लेकिन सबसे बड़ी समस्या समुद्र को पार करने की लंका तक पहुंचने की इतना तो कर सकती थी शांत हो जाइए चलाने की तैयारी में थे तभी अचानक से समुद्र तट हुए बाकी आपकी मर्जी है आप मुझे सिखा देंगे तो सब कुछ खत्म हो जाएगा ऐसा मत कीजिए कि आपके दो भाई है क्योंकि सामान उठाकर के नदी में फेंक रहे थे ।
उन्होंने दिया था कि अब जो भी तुम पानी में डूबा नहीं रहेगा तो इन्हीं की मदद से सेतु का निर्माण निर्माण होगा रामसेतु बनेगा आपका इतना विशाल काम होगा और जब यह दोनों भाइयों का निर्माण करेंगे पूरी मदद करूंगा उससे रखने में आपका पूरा साथ दूंगा प्रभु श्री राम ने कहा कि ठीक है फिर यही होगा अपने नाम लिखा गया पत्थर राम सेतु का निर्माण होने लगा और प्रभु श्री राम भगवान शिव की आराधना में बैठ गए निर्माण में अपना योगदान दे समुद्र के बीच में वापस करने की कोशिश कर रही है।
रामायण की सबसे इंस्पिरेशनल कहानी।