दोस्तो आज जो कहानी में आपको सुनाने जा रहा हूं आपने यह कहानी कहीं ना कहीं तो पहले भी सुनी होगी लेकिन इस कहानी से हमें जो प्रेरणा मिलती है वह काफी सोचनीय है इसलिए आप से मेरा निवेदन है कि इस कहानी को पूरा पढिये एवं इसमें जो कहा गया है उसे समझने की कोशिश करिए तो चलिए कहानी शुरू करते हैं।
एक बार की बात थी एक पेट्रोल पंप पर एक लड़का काम करता था लड़का गरीब था वह हमेशा ऊंचे ऊंचे सपने देखा करता था, उस पेट्रोल पंप पर अनेकों गाड़ी आती है और वह उनके सपने देखता कि कास ऐसी गाड़ी उसके पास होती, एक दिन एक नई गाड़ी होती है एक दिन अलग ही प्रकार की गाड़ी वहां पर पेट्रोल डलवाने आई उसे देखकर उसने उस गाड़ी के मालिक से पूछा गाड़ी कितने की है उस मालिक ने बोला ये गाड़ी तुम भी ले सकते हो मैं एक बिजनेसमैन है और मैं तुम्हें सिखाऊंगा बिजनेस कैसे करते हैं।
ऐसा कहते हुए उसने अपना विजिटिंग कार्ड निकाला और उस लड़के को दे दिया। लड़का कार्ड को लेकर दिन भर सोचता रहा कि आदमी कुछ गलत काम तो नहीं कर पाएगा और सब पूछते हुए शाम को जब उसकी छुट्टी हुई तब उसने उस कार्ड को डस्टबिन में फेंक दिया इसके बाद दो-तीन साल बाद , उसी जगह एक नई गाड़ी आई इस बार गाड़ी दूसरी थी इस पेट्रोल पंप पर लड़के ने गाड़ी मालिक से पूछा यह गाड़ी कितने की है तो उसने बताया 80 लाख की तब उस गाड़ी के मालिक ने पेट्रोल पंप वाले लड़के से कहा अरे भाई मुझे पहचाना नहीं पेट्रोल पंप वाले लड़के ने नहीं कहा तब गाड़ी मालिक ने कहा दो-तीन साल पहले मैं यहीं पर झाड़ू लगाता था उस दिन उस दिन मैंने तुम्हें कार्ड दिया तुमने उससे डस्टबिन में भेज दिया मैंने उस कार्ड को उठा लिया और उस आदमी से संपर्क किया दो 2 साल में मैं यहां पर पहुंच गया हूं।
तब वह पेट्रोल पंप पर लड़का पश्चताप करने लगा इस तरह कहा जाता है कि अपॉर्चुनिटी हमारे पास आती है उसे समझना चाहिए।